what.is.Dabetes.से.सदाकेलिएशूगर.से.मुक्ति.कैसे.पाए.
मधुमेह में रक्त
में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है।
डायबिटीज वह है जो हमें अनुवांशिक तौर पर होती है। यानी जब किसी के परिवार में मम्मी-पापा, दादी-दादा में से किसी को शुगर की बीमारी रही हो तो ऐसे व्यक्ति में इस बीमारी की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। मधुमेह = -一 शहर में रोoगी।इसके लिए खान-पान पर नियंत्रण का अभाव
मधुमेह के रोगी को हमेशा सिरदर्द, थकान जैसी समस्या रहतीमधुमेह में रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जातीhai
हालांकि, इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है।लेकिन जीवनशैली meबदलाव, शिक्षा और खान-पान में सुधार से इस बीमारी पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को वंशानुगत कारणों से डायबिटीज होती है तो इसे
टाइप-1 डायबिटीज कहा जाता है। जबकि कुछ लोगों में गलत लाइफस्टाइल और खान-पान के कारण यह बीमारी घर कर जाती है। इस स्थिति को टाइप-2 डायबिटीज कहते हैं। डायबिटीज, क्या हैं इसके प्रारंभिक
मधुमेह समझने से पहले, हमें ये समझना होगा कि इन्सुलिन के अभाव में कैसे हमारा शरीर कार्य करता है या हमारे शरीर में ग्लूकोज़ का चयापचय कैसे होता है।
कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा देने वाले भोजन के रूप में माना जाता है और हमारे भोजन के एक महत्वपूर्ण भाग में कार्बोहाइड्रेट होता है। हम जब कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, वो पेट में जाकर ऊर्जा में बदलता है जिसे ग्लूकोज़ कहते हैं।
इस ऊर्जा को हमारे शरीर में मौजूद लाखों कोशिकाओं के अंदर पहुँचना होता है ताकि हमारी कोशिका ग्लूकोज को जला कर शरीर को उर्जा पहुँचाएं। ये काम तभी संभव है जब हमारे अग्न्याशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन उत्पन्न करें
शुगर लेवल बढ़ने पर फोडे-फुंसी समस्या अक्सर आरम्भ हो जाती है। या फिर शरीर पर चोट लगने कटने इत्यादि पर घाव का देर तक बना रहना डायबिटीज के लक्षण हैं।
मधुमेह के लक्षण
1= बार-बार पेशाब आना।
2= बहुत प्यास लगना
3=बहुत सारा पानी पीने के बाद भी गला सूखना।
4= खाना खाने के बाद भी बहुत ज्यादा भूख लगना।
5 = जी मिचलाना और कभी-कभी उल्टी होना।
6=हाथों और पैरों में अकड़न और शरीर में झुनझुनी होना
7= हर समय कमजोरी और थकान की शिकायत रहना।
8=धुंधला_दृष्टि
9= त्वचा या मूत्रमार्ग में संक्रमण
10= त्वचा का रूख
12= सिरदर्द
3= शरीर का तापमान
मधुमेह को नियंत्रित करने के
डॉक्टर को कब दिखाएं
डायबिटीज के लिए आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए अगर:
आपका ब्लड ग्लूकोज का स्तर डॉक्टर के द्वारा बताए गए स्तर से ज्यादा रहता हैं ।
ब्लड ग्लूकोस का स्तर डॉक्टर के द्वारा बताए गए स्तर से कम रहना चाहिए
तुलसी के पत्तों में एंटीऑक्सिडेंट और आवश्यक तेल होते हैं जो इंसुलिन
के लिए सहायक होते हैंइसलिए शुगर लेवल को कम करने के लिए रोजाना खाली
पेट दो से तीन तुलसी के पत्ते लें, या फिर एक चम्मच तुलसी के पत्ते का रस लें
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