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रखने के लिए जितना जरूरी होता है उससे कहीं अधिक यह जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। यह शरीर में शक्ति और ऊष्णता पैदा करता है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान लम्बे समय से भोजन से संबंधित खोजों में लगा हुआ है। संसार के प्रत्येक देशों और वहां की भिन्न-भिन्न जातियों, उपजातियों का भोजन भी अलग-अलग प्रकार का होता है। यदि व्यवहारिक दृष्टि से देखा जाए तो भोजन पूरे संसार में केवल दो प्रकार का ही सर्वमान्य है शाकाहारी एवं मांसाहारी। हालांकि पूरे संसार में मांसाहार करनेवालों की संख्या सबसे अधिक है। अमेरिका और अन्य कई शक्ति सम्पंन देशों के चिकित्सा वैज्ञानिकों ने भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के भोजन सम्बंधी सिद्धांत को एक मत से स्वीकार करते हुए कहा है कि मांसाहार मनुष्य का स्वाभाविक भोजन नहीं है। मांसाहारियों की अपेक्षा शाकाहारी मनुष्य लंबी और निरोगी आयु जीते हैं।
वर्तमान में जो भोजन प्रचलित है उसमें निम्न मुख्य तत्व विद्यमान रहते हैं-
प्रोटीन।
कार्बोहाइड्रेट्स।
वसा
विटामिन
B1-B6-B12-vitamin-c
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